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आलोक कुशवाहा
अध्यक्ष,उ०प्र०
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सत्येन्द्र कुशवाहा
महासचिव, उ०प्र०
Mob. : +91 9412415691
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  • ABOUT KUSHWAHA SAMAJ


    The Kushwaha community, also known as Kushvaha, primarily resides in the Indo-Gangetic Plain and has historically been associated with agricultural practices, including beekeeping. This community encompasses various sub-castes such as the Kachhis, Kachhvahas, Koeris, and Muraos. Within the Indian governmental framework of positive discrimination, Kushwahas are designated as a "Backward" or Other Backward Class.

    Traditionally, the Kushwahas worshipped Shiva and Shakta. However, in the 20th century, there has been a shift in their belief system. They now claim descent from the Suryavansh (Solar) dynasty, tracing their lineage back to Kusha, one of the twin sons of Rama and Sita.The Kushwaha community's history and cultural heritage play a significant role in shaping their identity and social status within Indian society. Their contributions to agriculture and their evolving socio-religious beliefs reflect the dynamic nature of their community over time.

    अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा

    कुशवाहा महासभा

    कुशवाहा समाज को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। इस समाज का नाम भगवान राम के पुत्र कुश से जुड़ा हुआ है, जो एक धार्मिक कथा के अनुसार उनके पुत्रों में से एक थे। कुशवाहा समाज के सदस्य सूर्यवंश के अवतार माने जाते हैं। कुशवाहा समुदाय को शिव और शाक्त सम्प्रदायों से भी जोड़ा जाता है।

    राष्ट्रीय अध्यक्ष

    अखिलभारतीय कुशवाहा महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर सम्राट अशोक विचार मंच के नेताओं ने जेपी वर्मा को बधाई दी है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष शशिकांत कुशवाहा,प्रदेश महासचिव बबलू कुशवाहा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने कहा कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से समाज की एकता और मजबूत होगी।

    समाज में सामूहिकता

    कुशवाहा समाज में सामूहिकता की भावना गहरी होती है। समाज के सदस्यों को एक-दूसरे का साथ देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और सामूहिक कार्यों में भाग लेने को बढ़ावा दिया जाता है। कुशवाहा समाज में विवाह के रस्मों और रीति-रिवाज को महत्व दिया जाता है। इसमें विवाह की संधि, गोद लेना, दहेज, और विवाह सम्बंधित अन्य परंपराएं शामिल होती हैं।

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